Facebook Copy Paste Rule : Facebook पर चल रहा “डेटा वाला कॉपी-पेस्ट ट्रेंड” – सच्चाई और सावधानियां

WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now

Facebook Copy Paste Rule: सोशल मीडिया पर हर कुछ महीनों में कोई न कोई नया ट्रेंड वायरल हो जाता है। हाल ही में Facebook और Instagram पर एक नया “डेटा वाला कॉपी-पेस्ट ट्रेंड” चल रहा है, जिसमें लोग अपने प्रोफ़ाइल पर एक लंबा टेक्स्ट कॉपी करके पोस्ट कर रहे हैं। इस टेक्स्ट में दावा किया जाता है कि ऐसा करने से आपका डेटा सुरक्षित रहेगा और Facebook या Meta आपकी तस्वीरों, पोस्ट या मैसेज का इस्तेमाल AI ट्रेनिंग या किसी और उद्देश्य के लिए नहीं कर पाएगा।

लेकिन क्या वाकई इस तरह का कॉपी-पेस्ट करने से आपकी प्राइवेसी सुरक्षित हो जाती है? आइए इस पूरे ट्रेंड की सच्चाई और इसके पीछे का सच जानें।

ये ट्रेंड शुरू कैसे हुआ?

इस तरह का ट्रेंड नया नहीं है। 2012, 2016 और 2019 में भी इसी तरह के “प्राइवेसी नोटिस” वाले स्टेटस Facebook पर वायरल हुए थे। इस बार फिर, जब Meta (Facebook की पेरेंट कंपनी) ने AI ट्रेनिंग के लिए पब्लिक डेटा इस्तेमाल करने की घोषणा की, तो लोगों में चिंता बढ़ी।

इसके बाद किसी ने एक फॉर्मल-सी दिखने वाली “कानूनी भाषा” वाली पोस्ट तैयार की और उसे सोशल मीडिया पर डाल दिया। यह पोस्ट तेजी से वायरल हुई और लाखों लोगों ने इसे कॉपी-पेस्ट कर दिया।

कॉपी-पेस्ट में क्या लिखा होता है?

इसमें आमतौर पर लिखा होता है कि—

  • मैं Meta/Facebook को मेरे प्रोफ़ाइल, फोटो, वीडियो, पोस्ट या डेटा का किसी भी उद्देश्य से इस्तेमाल करने की अनुमति नहीं देता।
  • यह नोटिस मेरे प्रोफ़ाइल पर पोस्ट होने के साथ-साथ कानूनी रूप से लागू होगा।
  • इससे मेरा डेटा, प्राइवेसी और पोस्ट पूरी तरह सुरक्षित रहेंगे।

Facebook Copy Paste Rule: सच्चाई क्या है?

Facebook Copy Paste Rule: यह ट्रेंड पूरी तरह भ्रामक (Fake) है और इसका कोई कानूनी असर नहीं होता। Facebook के नियम (Terms of Service) के अनुसार, जब भी आप कोई पोस्ट या फोटो अपलोड करते हैं, तो आप पहले ही प्लेटफ़ॉर्म को उस कंटेंट को दिखाने, स्टोर करने और प्रोसेस करने की अनुमति दे देते हैं।

आपका कॉपी-पेस्ट किया गया “नोटिस” Facebook की पॉलिसी को बदल नहीं सकता। यानी, यह सिर्फ एक वायरल टेक्स्ट है, न कि असली सुरक्षा का तरीका।

क्या इसमें खतरा है?

हाँ, कुछ मामलों में खतरा भी हो सकता है—

  1. झूठी सुरक्षा की भावना – लोग सोचते हैं कि अब उनका डेटा सुरक्षित है, जबकि असल में सेटिंग्स बदले बिना कुछ नहीं बदलता।
  2. गलत जानकारी का फैलाव – ऐसे फेक ट्रेंड से लोग असली प्राइवेसी ऑप्शन्स को नज़रअंदाज़ कर देते हैं।
  3. संभावित स्कैम – कई बार इस तरह के टेक्स्ट में लिंक या मैसेज होते हैं जो फ़िशिंग (phishing) के लिए इस्तेमाल किए जा सकते हैं।

असली प्राइवेसी कैसे पाएं?

अगर आप सच में अपने Facebook डेटा को सुरक्षित रखना चाहते हैं, तो इन स्टेप्स का पालन करें—

1. प्राइवेसी सेटिंग्स अपडेट करें

  • Facebook की Settings & Privacy में जाएं।
  • “Who can see your posts” को Friends या Only Me पर सेट करें।
  • “Face recognition” फीचर को बंद करें।

2. पुरानी पोस्ट और डेटा हटाएं

  • Activity Log में जाकर पुरानी पोस्ट, टैग और फोटो डिलीट करें।
  • थर्ड पार्टी ऐप्स की परमिशन हटा दें।

3. AI ट्रेनिंग डेटा रोकें (जहां संभव हो)

  • Meta की सेटिंग्स में जाकर AI ट्रेनिंग के लिए डेटा शेयरिंग को लिमिट करें (हालांकि पूरी तरह रोकना संभव नहीं है)।

4. मजबूत पासवर्ड और 2FA का इस्तेमाल करें

  • लॉगिन सुरक्षा के लिए Two-Factor Authentication (2FA) चालू करें।
  • पासवर्ड हर 6-8 महीने में बदलें।

Facebook का यह “डेटा वाला कॉपी-पेस्ट ट्रेंड” सिर्फ एक वायरल चेन मैसेज है जिसका असल में कोई असर नहीं होता। अगर आप अपनी प्राइवेसी को लेकर गंभीर हैं, तो आपको प्लेटफ़ॉर्म की सेटिंग्स और अपनी ऑनलाइन आदतों पर ध्यान देना होगा, न कि ऐसे फेक ट्रेंड्स पर भरोसा करना चाहिए।

महत्वपूर्ण लिंक

लिंक का प्रकार लिंक
आधिकारिक Facebook Help Center https://www.facebook.com/help
हमारी साइट (DeledNews.in) https://delednews.in

 

Leave a Comment

✖ Close Ad
होली के बाद यूपी डीएलएड की परीक्षा UP DELED EXAM DATE 2025 : डीएलएड परीक्षा मार्च में