TGT PGT Bharti Dharna 2025: उत्तर प्रदेश में प्रशिक्षित स्नातक शिक्षक (TGT) और प्रवक्ता (PGT) पदों की भर्ती को लेकर छात्रों का आक्रोश लगातार बढ़ता जा रहा है। लंबे समय से लंबित परीक्षाओं की तिथि तय न होने और नई भर्ती प्रक्रिया शुरू न होने से हजारों अभ्यर्थियों में नाराजगी है। इसी के चलते आज छात्रों ने उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड पर महाधरना देने का ऐलान किया है।
TGT PGT Bharti Dharna 2025: क्या है पूरा मामला?
TGT PGT Bharti Dharna 2025: पिछले कुछ वर्षों से टीजीटी-पीजीटी भर्ती 2022 और इससे पहले की भर्तियों की प्रक्रिया अधर में लटकी हुई है। रिपोर्ट के अनुसार:
- टीजीटी 2022 में कुल 4163 पद थे, जिनमें से अभी तक 3539 पदों पर ही भर्ती हो पाई है।
- पीजीटी 2022 में 624 पदों में से केवल 61 पदों पर ही नियुक्ति हुई है।
- कई विषयों की परीक्षा ही नहीं कराई गई, और जहां परीक्षा हुई भी, वहां परिणाम अभी तक घोषित नहीं हुए।
TGT PGT Bharti Dharna 2025: छात्रों की प्रमुख मांगें
TGT PGT Bharti Dharna 2025: छात्रों ने चयन आयोग के सामने अपनी निम्नलिखित मांगें रखी हैं:
क्रमांक | मांगें |
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1️⃣ | टीजीटी-पीजीटी 2022 की शेष परीक्षाएं तुरंत कराई जाएं। |
2️⃣ | नई भर्ती का विज्ञापन जल्द से जल्द जारी किया जाए। |
3️⃣ | टीजीटी अंग्रेजी, गणित, जीवविज्ञान, भौतिकी और पीजीटी समाजशास्त्र जैसे विषयों की परीक्षा आयोजित की जाए। |
4️⃣ | अंतिम चयन सूची और परिणाम घोषित किए जाएं। |
5️⃣ | परिणाम शीघ्र घोषित किए जाएं और नियुक्ति प्रक्रिया को तेज किया जाए। |
6️⃣ | टीजीटी/पीजीटी से संबंधित RTI का जवाब सार्वजनिक किया जाए। |
7️⃣ | चयन बोर्ड को पारदर्शिता के साथ काम करने की हिदायत दी जाए। |
TGT PGT Bharti Dharna 2025: आखिर क्यों हो रहा है विरोध?
TGT PGT Bharti Dharna 2025: छात्रों का कहना है कि चयन बोर्ड की कार्यप्रणाली बेहद धीमी और अपारदर्शी है। इससे उनकी आयु सीमा निकलती जा रही है और मानसिक तनाव बढ़ रहा है। कई छात्रों ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की पारदर्शी भर्ती नीति के विपरीत बोर्ड का रवैया है।

TGT PGT Bharti Dharna 2025: छात्र नेताओं का बयान
TGT PGT Bharti Dharna 2025: छात्र नेता आकाश सिंह, सुभाष चंद्र, अंशुल शुक्ल, और सतीश यादव समेत कई अभ्यर्थियों ने आयोग पर लापरवाही का आरोप लगाया है। इनका कहना है कि यदि उनकी मांगों को जल्द नहीं माना गया तो वे राज्यव्यापी आंदोलन करेंगे। टीजीटी और पीजीटी अभ्यर्थियों की यह नाराजगी केवल भर्ती प्रक्रिया में देरी को लेकर नहीं है, बल्कि इसके पीछे वर्षों की मेहनत, समय और करियर का सवाल भी जुड़ा है। सरकार और चयन बोर्ड को चाहिए कि वे शीघ्र निर्णय लें और पारदर्शिता के साथ प्रक्रियाएं पूरी करें, जिससे योग्य अभ्यर्थियों को न्याय मिल सके।