NCTE New Guideline 2025: भारत में शिक्षक बनने की पहली सीढ़ी होती है – Bachelor of Education (B.Ed). लेकिन पिछले कुछ वर्षों में ऐसे हजारों बी.एड कॉलेज अस्तित्व में आ गए जो केवल डिग्री बांटने का माध्यम बन गए। NCTE ने इस चुनौती को गंभीरता से लेते हुए 2025 से नई गाइडलाइन लागू की है, जिसका उद्देश्य है – शिक्षक शिक्षा में गुणवत्ता लाना, अनावश्यक संस्थानों को बंद करना और बहु-विषयक शिक्षा को बढ़ावा देना।
NCTE New Guideline 2025: क्या है नई गाइडलाइन का सार?
राष्ट्रीय शिक्षक शिक्षा परिषद (NCTE) ने 2025 से B.Ed कोर्स को लेकर कुछ महत्वपूर्ण परिवर्तन किए हैं:
- अब केवल वही संस्थान B.Ed चला सकेंगे, जो BA, BSc, BCom जैसे डिग्री कोर्स भी ऑफर करते हैं।
- स्टैंडअलोन बी.एड कॉलेजों (जो सिर्फ B.Ed कराते हैं) को अब या तो बंद करना होगा या किसी नजदीकी डिग्री कॉलेज में मर्ज होना होगा।
- हर B.Ed कोर्स में अधिकतम 50 सीटें ही मान्य होंगी, चाहे संस्था कितनी ही बड़ी क्यों न हो।
- 2030 तक सभी बी.एड कॉलेजों को मल्टीडिसिप्लिनरी बनना अनिवार्य किया गया है।
यह नियम केवल नए आवेदनकर्ताओं पर ही नहीं, बल्कि पहले से मान्यता प्राप्त संस्थानों पर भी प्रभावी होंगे।
NCTE New Guideline 2025: इस बदलाव की ज़रूरत क्यों पड़ी?
1. गुणवत्ताहीन शिक्षा का विस्तार
देश में कई ऐसे बी.एड कॉलेज खोले गए जिनमें न तो पर्याप्त फैकल्टी थी, न लाइब्रेरी, न लैब – और न ही छात्रों को शिक्षक बनने के योग्य बनाया जा रहा था।
2. सस्ती डिग्री, महंगी कीमत
लाखों छात्र केवल एक कागज़ी डिग्री लेकर निकल रहे थे, जिनके पास न तो टीचिंग स्किल थी और न ही जॉब मिलने की उम्मीद। इससे न केवल शिक्षा की गुणवत्ता प्रभावित हुई, बल्कि रोजगार भी।
3. संसाधनों की बर्बादी
स्टैंडअलोन कॉलेजों में एक ही कोर्स (B.Ed) के लिए पूरे भवन, स्टाफ और प्रशासन का खर्च होता था। जबकि बहु-विषयक संस्थानों में वही संसाधन कई कोर्सेज के लिए उपयोग हो सकते हैं।
NCTE New Guideline 2025: मल्टीडिसिप्लिनरी कॉलेज क्यों जरूरी हैं?
NCTE New Guideline 2025: मल्टीडिसिप्लिनरी संस्थान वे होते हैं जहां एक ही परिसर में कई विषय (जैसे कला, विज्ञान, वाणिज्य, शिक्षा) पढ़ाए जाते हैं। ऐसे संस्थानों के कुछ लाभ:
- शिक्षकों को अन्य विषयों से संवाद और सहयोग का अवसर मिलता है
- छात्रों को विविध शैक्षणिक दृष्टिकोण और समृद्ध वातावरण मिलता है
- फैकल्टी, पुस्तकालय और ICT जैसी सुविधाओं का साझा उपयोग होता है
- B.Ed की ट्रेनिंग अधिक प्रैक्टिकल और इंटीग्रेटेड होती है
कॉलेज संचालकों के लिए निर्देश
अगर आप किसी कॉलेज या संस्थान के प्रबंधन से जुड़े हैं, तो आपको ये कदम उठाने होंगे:
- UG लेवल के कम से कम एक अन्य डिग्री प्रोग्राम शुरू करें (BA/BSc/BCom)
- NCTE के समक्ष पुनः मान्यता आवेदन करें (यदि आप स्टैंडअलोन हैं)
- अपने कॉलेज की संरचना को NCTE गाइडलाइन के अनुसार अपडेट करें
- नजदीकी मल्टीडिसिप्लिनरी कॉलेज से सहयोग स्थापित करें (संयुक्त संचालन हेतु)
- सीटों की संख्या घटाकर 50 करें, व फैकल्टी को प्रशिक्षित करें
छात्रों के लिए असर और सुझाव
प्रभाव:
- संस्थानों की संख्या घटेगी, जिससे सीटें सीमित होंगी
- प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी, दाखिला लेना कठिन होगा
- गुणवत्ता में सुधार होगा, जिससे शिक्षक बनने की तैयारी गंभीर होगी

सुझाव:
- आवेदन करने से पहले यह सुनिश्चित करें कि कॉलेज को NCTE से मान्यता प्राप्त है और वह बहु-विषयक संस्थान है
- प्रवेश लेते समय संस्थान की फैकल्टी, लाइब्रेरी, क्लासरूम, ICT संसाधन और स्टूडेंट-टीचर रेशियो को जांचें
- निजी संस्थानों में प्रवेश लेते समय फीस स्ट्रक्चर और भविष्य के रोजगार की संभावना की भी जानकारी लें
महत्वपूर्ण तथ्य सारणी
घटक | विवरण |
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नई नीति लागू होने की तिथि | सत्र 2025-26 से |
संचालन की पात्रता | मल्टीडिसिप्लिनरी कॉलेज ही मान्य |
स्टैंडअलोन कॉलेज स्थिति | मर्ज या बंद किए जाएंगे |
सीट सीमा | अधिकतम 50 सीट प्रति कोर्स |
पूर्ण रूपांतरण की अंतिम तिथि | 31 मार्च 2030 तक सभी कॉलेज को मल्टीडिसिप्लिनरी बनना अनिवार्य |
उपयोगी लिंक
विवरण | लिंक |
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NCTE की आधिकारिक वेबसाइट | https://ncte.gov.in |
गाइडलाइन संबंधित अधिसूचना | जल्द उपलब्ध (NCTE वेबसाइट पर देखें) |
कॉलेज मान्यता सूची | https://ncte.gov.in/ApprovedInstitutions |
B.Ed कोर्स को लेकर NCTE की 2025 की नीति भारत में शिक्षक शिक्षा की दिशा में एक निर्णायक बदलाव है। यह न केवल प्रशिक्षण संस्थानों को व्यवस्थित करेगी, बल्कि योग्य और कुशल शिक्षकों की नई पीढ़ी तैयार करने में मदद करेगी। चाहे आप कॉलेज संचालक हों या छात्र, इस बदलाव को समझना और उसके अनुरूप योजना बनाना अत्यंत आवश्यक है।